
दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत हो रहा है विद्युतीकरण
सरकार ने दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युतीकरण के लिए जिन 1529 गांवों का नाम दिया था उसमें नगला फतेला भी था, अब सच सामने आने के बाद इस पूरी लिस्ट की जांच शुरू हो गई है. नगला फतेला पर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम ने तीन दिन में यूपी के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से जवाब मांगा है.
यही नहीं सभी 1529 गांवो का दौरा कर सच की पड़ताल की जाएगी. जांच इस बात की की जा रही है कि दीन दयाल योजना के तहत दिया गया पैसा कहीं और इस्तेमाल तो नहीं हो गया.
योजना पर केंद्र और यूपी सरकार आमने-सामने
दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना पर केंद्र सरकार और यूपी सरकार आमने-सामने हैं. हाथरस के गांव नागला फटेला मामले में पर केंद्र ने सख्त रुख़ अपनाया है. हाथरस जिले के इस गांव के आधे हिस्से में बिजली होने के बावजूद यूपी सरकार ने इस गांव को भी राज्य के 1529 गांवों समेत दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत दर्ज कराया था.
अमीरों के यहां पहले से हैं बिजली कनेक्शन
पीएम ने 15 अगस्त को लालक़िले से इस गांव में इतने साल बाद बिजली पहुंचाने की बात को सरकार की उपलब्धियों में गिनाया था. मगर मीडिया जब गांव पहुंचा तो पता चला कि अमीरों के यहां पहले से ही बिजली कनेक्शन हैं. जबकि बीपीएल से नीचे के परिवारों को अभी भी कनेक्शन नहीं दिया गया है. इतना ही नहीं यूपी के बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस गांव के 150 घरों में पहले से कनेक्शन है.
इस पर आरईसी यानी ग्रामीण विद्युतीकरण निगम ने यूपी के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को नोटिस भेजकर तीन दिन में इस ग़लतबयानी पर स्पष्टीकरण देने को कहा है. दीनदयाल योजना के तहत यूपी के मुख्यसचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इस गांव में बिजली न होने का डीपीआर दिया था.
सूत्रों के मुताबिक़ इस प्रकरण के बाद दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत यूपी के सभी 1529 गांवों का आरईसी ने स्थलिय निरीक्षण कराने का फ़ैसला भी किया है. चिंता है कि कहीं इस योजना का धन कहीं और तो परिवर्तित नहीं कर दिया गया.
नगला फतेला गांव की पड़ताल करने पहुंचा ABP न्यूज़
पीएम मोदी ने दिल्ली से तीन घंटे दूरी पर यूपी में हाथरस के नगला फतेला गांव का जिक्र किया जहां सत्तर साल में पहली बार बिजली पहुंचाई गई. सत्तर साल बाद क्या उस गांव में बिजली पहुंची. एबीपी न्यूज़ ने इस हकीकत की पड़ताल की है.
घरों में लगे हैं मीटर
दिल्ली से दो सौ किलोमीटर दूर हाथरस के नगला फतेला गांव में पौने तीन सौ घर हैं. अब तक की पड़ताल से यही लग रहा है बिजली के खंभे हैं लेकिन करंट नहीं है, एबीपी न्यूज की टीम जब आगे बढ़ी तो ऐसे घर मिले जहां बिजली के मीटर तो लगे हैं लेकिन अंधकार दूर नहीं हुआ.
ट्यूबवेल की बिजली से गांव के कुछ घर रौशन
पड़ताल के दौरान गांव वालों ने दावा किया है कि आधे गांव में बिजली है और आधे गांव में नहीं. दरअसल ग्राम ज्योति योजना के कनेक्शन गांव में नहीं हैं. गांव के घर ट्यूबवेल की बिजली से रौशन हैं. क्योंकि राज्य सरकार ने ट्यूववेल बिजली कनेक्शन को वैध कर दिया है.
जमीन पर पड़े तार और बेजान पड़े बिजली के मीटर से आगे नजारा कुछ और दिखा. घर में बल्ब जल रहे हैं. पंखे भी चल रहे थे. यहां पर परिवार ने दावा किया कि कई साल से घर में बिजली आ रही है. वो सबूत के तौर पर बिजली के बिल भी दिखा रहे हैं.
केंद्र सरकार की दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत जिन गांव में बिजली नहीं है वहां बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है. केंद्र सरकार साफ साफ बता रही है कि नगला फतेला का नाम भी राज्य सरकार ने विद्युतीकरण के लिए भेजा था और केंद्र ने अपना काम पूर कर लिया है.
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